.Mr. Satnam Singh and Mr. Aman Singh class +2 stood first in Quiz Competition Sr. Sec held in Alpine Public School Nalagarh on 24th &25th. sep.2012
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28.5.12
स्कूलों को छुट्टियों की नई लिस्ट तय
Written By naresh on 28.5.12 | 28.5.12
राज्य मंत्रिमंडल की सोमवार को आयोजित बैठक में शिक्षण संस्थानों के लिए नई अवकाश सारणी जारी की गई, जो कि इसी शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। इसके मुताबिक लाहुल-स्पीति जिला को छोड़कर अन्य ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूल 25 जून से 30 जुलाई तक 36 दिनों तक बंद रहेंगे। छह दिन का त्योहार अवकाश भी स्कूलों में रहेगा, जो कि दीपावली से दो दिन पूर्व आरंभ होगा। इसी प्रकार शैक्षणिक सत्र में 10 दिन का शरदकालीन अवकाश सात से 16 जनवरी तक रहेगा। कुल्लू जिला में त्योहार के उपलक्ष्य में छह दिवसीय अवकाश दशहरा उत्सव से एक दिन पहले आरंभ होगा। लाहुल-स्पीति जिला में ग्रीष्मकालीन अवकाश 17 जुलाई से 27 अगस्त तक रहेगा, जबकि त्योहार के उपलक्ष्य में छह दिवसीय अवकाश कुल्लू जिला की अवकाश सारिणी के अनुरूप रहेगा, जो कि 10 दिवसीय अवकाश के साथ संपन्न होगा। शीतकालीन अवकाश वाले स्कूल मानसून के दौरान 10 दिन तक 21 से 30 जुलाई तक बंद रहेंगे। इसी प्रकार शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में छह दिन का त्योहार अवकाश दीपावली से दो दिन पूर्व आरंभ होगा। इन स्कूलों में शरदकालीन अवकाश पहली जनवरी से पांच फरवरी तक रहेगा। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर, पांगी और भरमौर में शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों की अवकाश सारणी लागू होगी। राज्य सरकार ने डिग्री कालेजों की अवकाश सारिणी भी संशोधित कर दी है। नई सारणी के मुताबिक प्रदेश के कालेज में 65 दिनों तक बंद रहेंगे। प्रदेश के कालेज दो से 31 मई तक 30 दिन के लिए बंद रहेंगे।
source:divya himachal
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5.3.12
हिमाचल स्कूल प्रवक्ता संघ के पदाधिकारी हमीरपुर में शिक्षा मंत्री से मिले ,इस बैठक के कुछ द्र्श्य
Written By naresh on 5.3.12 | 5.3.12
10.2.12
आपका स्वागत है
Written By GSSS BARUNA (SOLAN) on 10.2.12 | 10.2.12
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरूना की वेब्साईट प पधारने पर स्वागत है।
30.1.12
एक जैसी वर्दी में नजर आएंगे छात्र
Written By GSSS BARUNA (SOLAN) on 30.1.12 | 30.1.12
शिमला — हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब सभी छात्र-छात्राओं को मुफ्त में स्कूल ड्रेस दी जाएगी। राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को आयोजित बैठक में इसे मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसके लिए बाकायदा 30 करोड़ रुपए के बजट का भी प्रावधान कर दिया है। छात्रों को यह ड्रेस साल में दो बार दी जाएगी। एक बार डे्रस देने में 30 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस तरह सरकार को साल में दो बार ड्रेस देने पर 60 करोड़ रुपए व्यय करने होंगे। इसके बाद प्रदेश के 13 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में एक समान डे्रस-कोड लागू हो जाएगा। राज्य सरकार की अटल स्कूल वर्दी योजना से करीब 10 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूल डे्रस की खरीद को अतिरिक्त मुख्य सचिव वन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है, जो तय करेगी कि ड्रेस सिविल सप्लाई से खरीदनी है या फिर स्वयं खरीदनी है। इसके अलावा कमेटी डे्रस की खरीद और सिलाई इत्यादि के लिए टेंडर आमंत्रित करेगी। छात्रों को किस रंग की डे्रस दी जाएगी, यह भी कमेटी द्वारा ही तय किया जाएगा। राज्य सरकार ने वर्ष अपै्रल, 2012 से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र से ही ड्रेस देने का निर्णय लिया है। इससे अभिभावकों का सरकारी स्कूलों की तरफ रुझान बढ़ेगा। सरकारी स्कूलों में इससे पढ़ाई के लिए बेहतर वातावरण बन पाएगा। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए शिक्षा विभाग जिला स्तर पर छात्रों की गिनती कर चुका है। लकड़ों को पैंट व कमीज तथा लड़कियों को कुर्ता, सलवार व दुपट्टा दिया जाएगा। प्रदेश में अब तक केवल अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित छात्रों को ही डे्रस दी जाती रही है। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल द्वारा एक जनसभा में घोषणा के बाद सोमवार को मंत्रिमंडल ने भी इसे मंजूरी दे दी है। ‘दिव्य हिमाचल’ से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार ने अपै्रल माह में डे्रस देने के लिए 30 करोड़ का प्रावधान भी कर लिया है। इसके लिए सरकार ने एक कमेटी गठित की है,जो छात्रों तक डे्रस पहुंचाने और खरीद की रूपरेखा तय करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना से हजारों छात्रों को लाभ मिलेगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के लिए बेहतर वातावरण बनाने के लिए छात्रों को ड्रेस देने का निर्णय लिया है। बहरहाल हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब सभी छात्र-छात्राओं को मुफ्त में स्कूल ड्रेस दी जाएगी।
29.1.12
नए स्कूलों के सर्वे पर मुहर
Written By GSSS BARUNA (SOLAN) on 29.1.12 | 29.1.12
हिमाचल प्रदेश में नए मिडल और प्राइमरी स्कूल खोलने के लिए सरकार ने सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी है। पिछले दिनों सेक्रेटरी एजुकेशन की अध्यक्षता में आयोजित स्टेट लेबल की कार्यकारी परिषद की मीटिंग में हर जिला में स्कूल की सुविधा से वंचित जगहों का चयन करने के लिए शिक्षा विभाग को आदेश दिए जा चुके हैं। यह भी प्रावधान किया गया है कि घर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राइमरी और तीन किलोमीटर के फासले पर मिडल स्कूलों को जाने वाले विद्यार्थियों को यात्रा भत्ता दिया जाएगा। साथ ही साल भर पेरेंट्स के साथ स्कूल जाने वाले बच्चों को सालाना तीन हजार रुपए यात्रा भत्ते के रूप में मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि विभिन्न क्षेत्रों में अव्वल रहने वाले हिमाचल में अब सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाए जाने का फैसला लिया है।
29.1.12
फोन पर करें मिड डे मील की शिकायत
शिमला — मिड डे मील (एमडीएम) की शिकायतों के लिए शिक्षा निदेशालय में टोल-फ्री नंबर शुरू किया जाएगा। जिस पर लोग प्रदेश भर से एमडीएम से संबंधित शिकायत कर पाएंगे। शिक्षा विभाग को 70 घंटे के भीतर शिकायत का निवारण करना होगा। नए शैक्षणिक सत्र तक टोल-फ्री नंबर की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। उड़ीसा में 19 व 20 जनवरी को मिड डे मील पर आधारित बैठक में निर्देशों के बाद राज्य शिक्षा विभाग हरकत में आया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग इसके लिए प्रोसेस शुरू कर चुका है। विभागीय अधिकारी टोल-फ्री नंबर के लिए बीएसएनएल से संपर्क कर रहे हैं। बीएसएनएल से नंबर मिल जाने के बाद शिक्षा निदेशालय शिमला में टोल-फ्री नंबर स्थातिप किया जाएगा। देश के कई राज्य ने एमडीएम के लिए पहले से ही टोल-फ्री नंबर की सुविधा आरंभ कर रखी है। यह सुविधा शुरू हो जाने के बाद लोग समय पर एमडीएम का राशन न मिलने, स्कूलों में निम्न स्तर का खाना खिलाने, तय मैन्यू के मुताबिक बच्चों को खाना न देने इत्यादि शिकायतें कर पाएंगे। अधिकांश शिकायतें विभाग में पत्राचार के माध्यम से दर्ज करवाई जाती है। इस प्रक्रिया में मे बहुत सा समय बीत जाता है। ऐसे में अब टोल-फ्री नंबर शुरू हो जाने के बाद 70 घंटे में शिकायतों का निपटारा हो जाएगा। ऐसा न होने की सूरत में संबंधित अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएंगी। एमडीएम की बैठक में स्कूल आने वाले प्रत्येक बच्चे को खाना देने के सभी राज्य को निर्देश दिए गए,ताकि देश के बच्चों से कुपोषण को भगाया जा सकें।
source:divya himachal